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आरईसी लिमिटेड ने तमिलनाडु के गांधीग्राम ग्रामीण संस्थान में 1 मेगावाट सौर फोटोवोल्टिक बिजली संयंत्र के लिए सीएसआर के तहत 8.44 करोड़ रुपये देने की प्रतिबद्धता जताई
तारीख 2025-01-11

आरईसी लिमिटेड, विद्युत मंत्रालय के तहत महारत्न सीपीएसई और एक प्रमुख एनबीएफसी, ने अपनी कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) पहल के तहत गांधीग्राम ग्रामीण संस्थान के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत आरईसी ने तमिलनाडु के डिंडीगुल में गांधीग्राम ग्रामीण संस्थान (जीआरआई) में छात्रों, शोधार्थियों के लाभ के लिए 1MW ​​मल्टीटेक्नोलॉजी ग्राउंड माउंटेड, ग्रिड कनेक्टेड सोलर फोटोवोल्टिक पावर प्लांट की स्थापना के लिए ₹8.44 करोड़ की वित्तीय सहायता देने की प्रतिबद्धता जताई है।

यह परियोजना जीआरआई द्वारा बीएचईएल के तकनीकी सहयोग से क्रियान्वित की जाएगी।

इस समझौते पर 9 जनवरी 2025 को श्रीमती थारा रमेश, सीपीएम आरईसी आरओ चेन्नई और डॉ. एल. रथकृष्णन, जीआरआई के बीच श्री नारायणन तिरुपति, स्वतंत्र निदेशक, आरईसी की गरिमामयी उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।

इस सौर फोटोवोल्टिक बहु प्रौद्योगिकी विद्युत संयंत्र की स्थापना से न केवल संस्थान विद्युत के मामले में आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि यह आधुनिक सौर ऊर्जा संयंत्रों में पैनल और इनवर्टर प्रौद्योगिकियों के संदर्भ में नवीनतम अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग पर अनुसंधान के लिए केंद्र के रूप में भी कार्य करेगा।

आरईसी लिमिटेड के बारे में-

आरईसी भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक 'महारत्न' कंपनी है, और आरबीआई के साथ गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी), सार्वजनिक वित्तीय संस्थान (पीएफआई) और इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। आरईसी पूरे विद्युत-अवसंरचना क्षेत्र को वित्तपोषित कर रहा है जिसमें उत्पादन, पारेषण, वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और नई प्रौद्योगिकियां जैसे इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी भंडारण, पंप भंडारण परियोजनाएं, ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन अमोनिया परियोजनाएं आदि शामिल हैं। हाल ही में आरईसी लिमिटेड ने गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी विविधता लाई है जिसमें सड़क और एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, हवाई अड्डे, आईटी संचार, सामाजिक और वाणिज्यिक अवसंरचना (शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल), बंदरगाह और इस्पात, रिफाइनरी आदि जैसे विभिन्न अन्य क्षेत्रों के संबंध में इलेक्ट्रो-मैकेनिकल (ईएंडएम) कार्य शामिल हैं।

आरईसी लिमिटेड देश में अवसंरचना परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्य, केंद्र और निजी कंपनियों को विभिन्न परिपक्वताओं के ऋण प्रदान करता है। आरईसी लिमिटेड बिजली क्षेत्र के लिए सरकार की प्रमुख योजनाओं में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक भूमिका निभा रहा है और प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई), राष्ट्रीय विद्युत निधि (एनईएफ) योजना के लिए नोडल एजेंसी रही है, जिसके परिणामस्वरूप देश में अंतिम मील वितरण प्रणाली, 100% गांव विद्युतीकरण और घरेलू विद्युतीकरण को मजबूत किया गया है। आरईसी को कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए पुन: व्यवस्थित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के लिए नोडल एजेंसी भी बनाया गया है। आरईसी को केंद्र सरकार की ओर से पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की जिम्मेदारी भी दी गई है। 30 सितंबर, 2024 तक आरईसी की ऋण पुस्तिका ₹5.46 लाख करोड़ और नेटवर्थ  ₹72,893 करोड़ है।

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