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आरईसी ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए वित्तीय रिपोर्टिंग में उत्कृष्टता के लिए आईसीएआई पुरस्कार में गोल्ड शील्ड जीता
तारीख 2025-02-02

आरईसी लिमिटेड, विद्युत मंत्रालय के तहत महारत्न सीपीएसई और प्रमुख एनबीएफसी, को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए वित्तीय रिपोर्टिंग में उत्कृष्टता के लिए आईसीएआई पुरस्कार की ‘वित्तीय सेवा क्षेत्र (बैंकिंग और बीमा के अलावा)’ श्रेणी के अंतर्गत ‘गोल्ड शील्ड’ से सम्मानित किया गया है।

यह प्रतिष्ठित पुरस्कार वित्तीय रिपोर्टिंग में उत्कृष्टता, पारदर्शिता और लेखांकन प्रथाओं के उच्चतम मानकों के पालन के प्रति हमारी कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

यह चयन कंपनी की लेखांकन प्रथाओं, प्रकटीकरण के लिए अपनाई गई नीतियों, वित्तीय विवरणों की प्रस्तुति, वार्षिक रिपोर्ट में अन्य प्रकटीकरणों और भारतीय लेखांकन मानकों, वैधानिक दिशानिर्देशों और विनियमों के अनुपालन की डिग्री के आधार पर किया गया है।

श्री हर्ष बावेजा, निदेशक (वित्त), श्री राजेश कुमार, कार्यकारी निदेशक (वित्त) और श्री मोहन लाल कुमावत, कार्यकारी निदेशक (वित्त) ने नई दिल्ली में वर्ल्ड फोरम ऑफ अकाउंटेंट्स (डब्लूओएफए) में आयोजित एक समारोह में श्री अर्जुन राम मेघवाल, केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); और संसदीय मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री से यह पुरस्कार प्राप्त किया। इस अवसर पर आईसीएआई के अध्यक्ष सीए रणजीत कुमार अग्रवाल, उपाध्यक्ष सीए चरणजोत सिंह नंदा, शोध समिति के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष तथा आईसीएआई  परिषद के सदस्य भी उपस्थित थे।

श्री हर्ष बावेजा ने इस सम्मान के लिए आभार व्यक्त किया तथा सर्वोत्तम वित्तीय प्रथाओं को बनाए रखने और लागू विनियमों के अनुप्रयोग में आरईसी लिमिटेड की टीम के समर्पण पर प्रकाश डाला।

भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान अपनी अनुसंधान समिति के माध्यम से वर्ष 1958 से वित्तीय रिपोर्टिंग में उत्कृष्टता के लिए आईसीएआई पुरस्कारों का आयोजन कर रहा है, जिसका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों की संस्थाओं द्वारा वार्षिक रिपोर्टों में वित्तीय और गैर-वित्तीय सूचनाओं की तैयारी और प्रस्तुति में उत्कृष्टता को मान्यता देना और प्रोत्साहित करना है।

आरईसी लिमिटेड के बारे में-

आरईसी भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक 'महारत्न' कंपनी है, और आरबीआई के साथ गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी), सार्वजनिक वित्तीय संस्थान (पीएफआई) और इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। आरईसी पूरे विद्युत-अवसंरचना क्षेत्र को वित्तपोषित कर रहा है जिसमें उत्पादन, पारेषण, वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और नई प्रौद्योगिकियां जैसे इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी भंडारण, पंप भंडारण परियोजनाएं, ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन अमोनिया परियोजनाएं आदि शामिल हैं। हाल ही में आरईसी लिमिटेड ने गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी विविधता लाई है जिसमें सड़क और एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, हवाई अड्डे, आईटी संचार, सामाजिक और वाणिज्यिक अवसंरचना (शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल), बंदरगाह और इस्पात, रिफाइनरी आदि जैसे विभिन्न अन्य क्षेत्रों के संबंध में इलेक्ट्रो-मैकेनिकल (ईएंडएम) कार्य शामिल हैं।

आरईसी लिमिटेड देश में अवसंरचना परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्य, केंद्र और निजी कंपनियों को विभिन्न परिपक्वताओं के ऋण प्रदान करता है। आरईसी लिमिटेड बिजली क्षेत्र के लिए सरकार की प्रमुख योजनाओं में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक भूमिका निभा रहा है और प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई), राष्ट्रीय विद्युत निधि (एनईएफ) योजना के लिए नोडल एजेंसी रही है, जिसके परिणामस्वरूप देश में अंतिम मील वितरण प्रणाली, 100% गांव विद्युतीकरण और घरेलू विद्युतीकरण को मजबूत किया गया है। आरईसी को कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए पुन: व्यवस्थित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के लिए नोडल एजेंसी भी बनाया गया है। आरईसी को केंद्र सरकार की ओर से पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की जिम्मेदारी भी दी गई है। 30 सितंबर, 2024 तक आरईसी की ऋण पुस्तिका ₹5.46 लाख करोड़ और नेटवर्थ  ₹72,893 करोड़ है।

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